एईआरबी का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत में आयनीकारक विकिरण तथा नाभिकीय ऊर्जा के कारण लोगों के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को किसी भी प्रकार का अवांछित जोखिम न हो ।

aerb.gov.in

नियामक निरीक्षण (आरआई)

नियमों, आवश्‍यकताओं व लायसेंस की शर्तों के अनुपालन को सुनिश्चित करना, एईआरबी की केंद्रीय नियामक प्रक्रियाओं में से एक है, जिसे सत्‍यापन द्वारा संपन्‍न किया जाता है। सामान्‍य निरीक्षणों द्वारा यह पुष्टि की जाती है कि लायसेंसधारक, सभी शर्तों व आवश्‍यकताओं का पालन कर रहा है तथा संरक्षा मानकों की पूर्ति हो रही है। इन नियामक निरीक्षणों में तकनीकी पहलुओं के साथ-साथ आवश्‍यक प्रशासनिक ढांचे की जांच भी की जाती है तथा विभिन्‍न प्रलेखों, कार्यविधियों, परीक्षण रिपोर्टों, आंतरिक रिपोर्टों, परीक्षणों के प्रेक्षण, मापन तथा क्षेत्रीय निरीक्षणों द्वारा अनुपालन की पुष्टि की जाती है।

सामान्‍य नियामक निरीक्षणों के अतिरिक्‍त एईआरबी निर्दिष्‍ट आवश्‍यकताओं व प्रतिबंधों के वास्‍तविक-समय अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिये विशेष तथा आकस्मिक निरीक्षण भी करता है। नियामक अनुपालन के दैनिक प्रेक्षण के लिये एईआरबी कुछ नाभिकीय ऊर्जा संयंत्रों/परियोजना स्‍थलों पर स्‍थल प्रेक्षक दल भी नियुक्‍त करता है।

सुविधाओं का नियामक निरीक्षण प्राधिकृत इंस्‍पेक्‍टरों के दल द्वारा किया जाता है। ये इंस्‍पेक्‍टर आवश्‍यकता पड़ने पर सक्षम प्राधिकारी (एईआरबी अध्‍यक्ष) के परामर्श से स्‍थल पर ही प्रवर्तन कार्यवाही कर सकते हैं। प्रवर्तन कार्यवाही में गतिविधि को घटाना या सुविधा के प्रचालन को बंद करना शामिल है।

एईआरबी के इस्‍पेक्‍टर तथा उसके दल को निम्‍न अधिकार प्राप्‍त हैं :

  • अनुमति प्रक्रिया के किसी भी चरण (स्‍थल चयन, निर्माण, कमीशनन, प्रचालन एवं विकमीशनन) में किसी विकिरण सुविधा के परिसर में तर्कसंगत समय पर प्रवेश करना;
  • संरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्‍य से किसी भी यंत्रों उपकरण का प्रेक्षण, निरीक्षण, जांच, मापन, फोटो लेना, रेखाचित्र बनाना, परीक्षण करना, किसी भी कार्मिक से प्रश्‍न पूछना, संबंधित प्रलेखों व रिकार्डों की समीक्षा व पुष्टि करना, आवश्‍यकतानुसार उनकी प्रतिलिपि बनाना;
  • संरक्षा की दृष्टि से यह सुनिश्चित करना कि लायसेंसधारक ने सुविधा में प्रक्रियाओं को संपन्‍न करने में अनुमति में निर्दिष्‍ट प्रतिबंधों के अनुसार विकिरण संरक्षा आवश्‍यकताओं की पूर्ति की है।
निरीक्षण के निष्‍कर्ष, समयबद्ध विधि से औपचारिक अनुक्रिया के लिये लायसेंसधारक को दिये जाते हैं।.
नाभिकीय परियोजनाओं का नियामक निरीक्षण
सामान्‍यत: किसी नाभिकीय परियोजना में एईआरबी वर्ष में 2-4 बार नियामक निरीक्षण करता है। निरीक्षक दल में 5-8 सदस्‍य होते हैं। परियोजना की महत्‍वपूर्ण गतिविधियों के लिये सामान्‍य निरीक्षण के अतिरिक्‍त प्रतिक्रियात्‍मक (आकस्मिक/विशेष) निरीक्षण भी किये जाते हैं। नाभिकीय परियोजनाओं के सामान्‍य निरीक्षणों में निम्‍न पहलुओं पर बल दिया जाता है : परियोजना प्रबंधन, संरक्षा संस्‍कृति, गुणवत्‍ता आश्‍वासन, सिविल निर्माण, उपकरण भंडारण एवं सुरक्षण, संरक्षा संबंधी प्रमुख उपकरणों का निर्माण व स्‍थापन, कमीशनन गतिविधियां, औद्योगिक व अग्नि सुरक्षा, विकिरण मानीटरन, आपातकाल तैयारी, पिछली संस्‍तुतियों का अनुपालन व संबंधित प्रलेखन।
प्रचालित नाभिकीय ऊर्जा संयंत्रों का नियामक निरीक्षण
औद्योगिक संरक्षा के लिये नियामक निरीक्षण
विकिरण सुविधाओं का नियामक निरीक्षण

विजिटर काउण्ट: 4920700

Last updated date:

Color switch

 

अक्सर देखे गए

कार्यालय का पता

परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद, नियामक भवन अणुशक्तिनगर,, मुंबई 400094, भारत,

कार्य का समय
9:15 से 17:45 – सोमवार से शुक्रवार

वर्ष के सार्वजनिक अवकाशों की सूची