एईआरबी का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत में आयनीकारक विकिरण तथा नाभिकीय ऊर्जा के कारण लोगों के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को किसी भी प्रकार का अवांछित जोखिम न हो ।

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आपातस्थिति में क्‍या करे ?

घबराये नहीं, रिपोर्ट करें

किसी ऐसी स्थिति को आपातस्‍थति माना जाता है जब किसी घटना या दुर्घटना के कारण विकिरण जोखि़म हो तथा आसपास के लोगों के प्रभावित होने या पर्यावरण के संदूषित होनेकी संभावना हो।

विकिरण आपातस्थिति

आयनकारी विकिरण स्रोतों का प्रयोग करने वाली सुविधाओं (नाभिकीय रिएक्‍टर की तुलना में कम जोखि़म) में कोई घटना जनता को प्रभावित कर सकती है क्‍योंकि ये सुविधायें जनक्षेत्र में स्थित होती है। ऐसी घटना की रिपोर्ट नीचे दिये गये योजक (link) के द्वारा ऊपर निर्दिष्‍ट एजेसियों को की जा सकती है।

आपातस्थिति संपर्क विवरण
संरक्षा आशंका की रिपोर्ट करें

किसी विकिरण सुविधा में घटना की रिपोर्ट के लिये पंजीकृत प्रयोक्‍ता e-LORA सुविधा का प्रयोग भी कर सकते हैं।

रेडियोसक्रिय पदार्थ के रिसाव/छलकाव या बंदरगाह, हवाईअड्डे, सड़क या रेल में रेडियोसक्रिय पदार्थ के पात्र के टूटने की रिपोर्ट परमाणु ऊर्जा विभाग आपातस्थिति नियंत्रण कक्ष तथा सभी संबंद्ध नियामक प्राधिकरणों (एईआरबी सहित) को तुरंत की जानी चाहिये।

आपातस्थिति के दौरान, उसके प्रहस्‍तन में प्रशिक्षित कार्मिकों द्वारा तुरंत कार्यवाही की जानी चाहिये। प्रशिक्षित कार्मिकों में आपदा प्रबंधन कार्मिक, सुरक्षा, पुलिस अधिकारी, बंदरगाह कार्मिक, डाक्‍टर तथा जिला प्रशासन के व्‍यक्ति शामिल है। आपाती तैयारी उपायों के रूप में इन व्‍यक्तियों को आपातस्थिति के प्रहस्‍तन का प्रशिक्षण प्राप्‍त है। विकिरण आपातस्थिति में निम्‍न कार्यवाही की जानी चाहिये :

  • जहां तक संभव हो, घटना को सीमित रखे
  • आवश्‍यक होने पर स्‍थान की घेराबंदी करें
  • रिपोर्ट करें
  • विकिरण तीव्रता का मापन करें
  • प्रभावित व्‍यक्तियों का विसंदूषण करें
  • चोटिल व्‍यक्तियों को चिकित्‍सा सहायता उपलब्‍ध करायें

आपातकाल तैयारी संबंधी जानकारी के लिये निम्‍न प्रलेख देखें :

नाभिकीय आपातस्थिति

नाभिकीय रिएक्‍टर सहित नाभिकीय ईंधन चक्र सुविधाओं में आपातस्थिति का प्रहस्‍तन, आपाती योजना के अनुसार संयंत्र प्रबंधन द्वारा किया जाता है तथा स्थिति के अनुसार संयंत्र आपातस्थिति, स्‍थलीय आपातस्थिति तथा अपस्‍थलीय आपातस्थिति के प्रहस्‍तन से जुड़ी एजेंसियों को सूचना दी जाती है। नाभिकीय ईंधन चक्र सुविधा, स्‍थल की सीमा (अपवर्जन सीमा सहित, जहां कोई नहीं रहता) एक कि.मी. से अधिक दूरी तक होती है। अधिकतर स्थितियों में आपातस्थिति स्‍थल सीमा के अंदर ही होती है तथा स्‍थल या अपस्‍थल के लोगों/पर्यावरण को प्रभावित नहीं करती। परंतु ऐसी किसी भी आपातस्थिति (संयंत्र/स्‍थलीय /अपस्‍थलीय) की सूचना एईआरबी तथा परमाणु ऊर्जा विभाग के आपात केंद्र को देना आवश्‍यक है।

संबंधित परमाणु ऊर्जा विभाग योजक (link) : नाभिकीय आपातस्थिति अनुक्रिया जनक्षेत्र में नाभिकीय या विकिरण आपातस्थिति के लिये संपर्क करें

विजिटर काउण्ट: 4920733

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कार्यालय का पता

परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद, नियामक भवन अणुशक्तिनगर,, मुंबई 400094, भारत,

कार्य का समय
9:15 से 17:45 – सोमवार से शुक्रवार

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